BEST NAAT LYRICS IN HINDI FUNDAMENTALS EXPLAINED

best naat lyrics in hindi Fundamentals Explained

best naat lyrics in hindi Fundamentals Explained

Blog Article

naat lyrics urdu

The Naat is usually a poetic illustration of physical and spiritual perfection (peace and blessings be upon him) as well as high rank on the Holy Prophet.

हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन की तस्वीर सीने में मौजूद है जिस ने ला कर कलाम-ए-इलाही दिया वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन का जल्वा तो सीने में मौजूद है जिस ने ला कर कलाम-ए-इलाही दिया वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है फूल खिलते हैं पढ़ पढ़ के सल्ले-'अला झूम कर कह रही है ये बाद-ए-सबा ऐसी ख़ुश्बू चमन के गुलों में कहाँ ! जो नबी के पसीने में मौजूद है हम ने माना कि जन्नत बहुत है हसीं छोड़ कर हम मदीना न जाएँ कहीं यूँ तो जन्नत में सब है मदीना नहीं और जन्नत मदीने में मौजूद है छोड़ना तेरा तयबा गवारा नहीं सारी दुनिया में ऐसा नज़ारा नहीं ऐसा मंज़र ज़माने में देखा नहीं जैसा मंज़र मदीने में मौजूद है ना'त-ख़्वाँ: महमूद जे.

ملتا ہے تیرے در سے زمانے کو فیض عام دنیا کے بادشہ بھی اسی در کے ہیں غلام تیرا غلام وہ کہ جو شاہوں کو بھیک دے نسبت نے دے دیا ہے بلندی کا...

महशर में हो न मुझे प्यास का डर, हों मेहरबाँ मुझ पर साक़ी-ए-कौसर

जो तलातुम बने हुए थे, सुहैल ! वो किनारे सलाम कहते हैं

मुस्त़फ़ा, जान-ए-रह़मत पे लाखों सलाम शम्-ए-बज़्म-ए-हिदायत पे लाखों सलाम मेहर-ए-चर्ख़-ए-नुबुव्वत पे रोशन दुरूद गुल-ए-बाग़-ए-रिसालत पे लाखों सलाम शहर-ए-यार-ए-इरम, ताजदार-ए-ह़रम नौ-बहार-ए-शफ़ाअ़त पे लाखों सलाम शब-ए-असरा के दूल्हा पे दाइम दुरूद नौशा-ए-बज़्म-ए-जन्नत पे लाखों सलाम हम ग़रीबों के आक़ा पे बे-ह़द दुरूद हम फ़क़ीरों की सर्वत पे लाखों सलाम दूर-ओ-नज़दीक के सुनने वाले वो कान कान-ए-ला’ल-ए-करामत पे लाखों सलाम जिस के माथे शफ़ाअ'त का सेहरा रहा उस जबीन-ए-सआ'दत पे लाखों सलाम जिन के सज्दे को मेह़राब-ए-का’बा झुकी उन भवों की लत़ाफ़त पे लाखों सलाम जिस त़रफ़ उठ गई, दम में दम आ गया उस निगाह-ए-इ़नायत पे लाखों सलाम नीची आंखों की शर्म-ओ-ह़या पर दुरूद ऊँची बीनी की रिफ़्अ'त पे लाखों सलाम पतली पतली गुल-ए-क़ुद्‌स की पत्तियाँ उन लबों की नज़ाकत पे लाखों सलाम वो दहन जिस की हर बात वह़ी-ए-ख़ुदा चश्मा-ए इ़ल्म-ओ-हिकमत पे लाखों सलाम वो ज़बाँ जिस को सब कुन की कुंजी कहें उस की नाफ़िज़ ह़ुकूमत पे लाखों सलाम जिस की तस्कीं से रोते हुए हँस पड़ें उस तबस्सुम की अ़ादत पे लाखों सलाम हाथ जिस सम्त उठ्

●जिन्हें है मुहम्मद की मिदहत की आदत नाते पाक हिंदी में लिखी

अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !

उमर के आने से कुफ्र पर जो ज़वाल आया, कमाल आया !

براہ کرم میرے پرچھونکی کچھ قطرے (مہربانی کے) بھی گرا دیں

ज़िक्र था आख़री महीने का, तज़्किरा छिड़ गया मदीने का

”نعت“ اردو کی وہ مقبول ترین صنفِ شاعری ہے جس میں حضور نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم کی تعریف و توصیف بیان کی جاتی ہے۔ یہ (نعت) عربی زبان کا لفظ ہے جس کے معنی وصف و خوبی اور تعریف و توصیف کے ہیں لیکن عرف عام میں نعت، رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کی ثناء و ستائش اور تعریف و توصیف بیان کرنے والی منظومات کو کہا جاتا ہے۔ اس کورس میں ہم اردو زبان میں لفظ (الف) سے لے کر لفظ (ی) تک کے حروف سے شروع ہونے والی تمام نعتوں کی لیرکس پیش کر رہے ہیں۔

In the course of all my everyday living As well as in my prayers, I make a supplication to pray powering him [in the next existence]

सब रसूल-ए-ख़ुदा बन के आए, वो हबीब-ए-ख़ुदा बन के आया

Report this page